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आत्मविश्वास की शक्ति क्या है? Hindi Story With Moral

आत्मविश्वास की शक्ति क्या है?-आत्मविश्वास इतिहास को जन्म देता है

आत्मविश्वास की शक्ति क्या है? Hindi Story With Moral -एक बार की बात है एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन था lवह विदेश में रहता था उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी l उसने अपने जीवन में बहुत मेहनत करके धन और समृद्धि को कमाया था l वह अपनी पत्नी और पुत्र के साथ विदेश में ही रहता था और वहीं से अपना सारा बिजनेस चलता था l

एक समय ऐसा आया जब उसे लगा कि उसका पुत्र अब बड़ा हो रहा है और अब उसे उसके बिजनेस को संभाल लेना चाहिए l वह खुश था यह सोचकर कि वह और उसका पुत्र एक साथ अपने बिजनेस को चलाएंगे l किंतु कुछ ही महीने बाद उसे ऐसा लगने लगा कि उसका स्वास्थ्य है उसका साथ छोड़ रहा हैl उसने अपनी पत्नी से इस बारे में बात की और यह है सोचा कि अब उसके पुत्र को उसका बिजनेस संभाल लेना चाहिए l उसे थोड़ा आराम करना चाहिए क्योंकि उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है lHindi Story With Moral

उसका पुत्र 25 साल का हो गया था l उसकी पत्नी को पूरा विश्वास था कि उसका पुत्र भली भांति और बड़ी अच्छी तरह से उसके बिजनेस को संभाल लेगा l किंतु कहीं ना कहीं बिजनेसमैन को पता था कि अभी भी उसके पुत्र को बहुत कुछ सीखना होगा पूरा बिजनेस संभालने के लिए l जहां उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी और उसे यह चिंता सता रही थी कि इतना बड़ा बिजनेस कौन कैसे संभालेगा और उसका पुत्र अभी उसे संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है l Hindi Story With Moral

एक दिन जब वह अपने कमरे में बिस्तर पर लेटा हुआ था तो उसने अपने पुत्र को बुलाया l उसने अपने पुत्र से कहा,’ देखो बेटा, मैंने यह सब बहुत मेहनत करके कमाया है और यह मेरा सपना है कि मैंने जो कुछ भी कमाया है उसे मैं उसे ईश्वर की चरणों में ही समर्पित कर दो इसीलिए मैंने यह सोचा है कि मैं अपना सारा बिज़नस एक ट्रस्ट को दे दूंगा l’ उसका पुत्र यह सुनकर बहुत गुस्से में आ गया और बोला,’ तो मेरे लिए क्या होगा पिताजी?’

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बिजनेसमैन ने कहा,’ तुम्हें अपनी पूरी लगन के साथ ही अपना कार्य और अपना बिजनेस खड़ा करना होगा अगर तुम इस लायक हो तो यह काम कर पाओगे l’ यह सुनकर उसका पुत्र गुस्से में आ गया और उसने बड़े ही आवेश में आकर कहा,’ आप क्या सोचते हैं मैं कुछ नहीं कर सकता? मेरे अंदर आपसे भी अधिक काबिलियत हैl और मैं आपको अपना खुद का बिज़नेस खड़ा करूंगा और दिखाऊंगा कि मेरे अंदर कितनी काबिलियत है l’ यह कहकर पुत्र वहां से चला गया l Hindi Story With Moral

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उसकी पत्नी को थोड़ी चिंता हुईl उसे देखकर बिजनेसमैन ने कहा,’ तुम घबराओ मत, मुझे पता है वह एक महीने में वापस आएगा क्योंकि वह अपना बिजनेस खड़ा नहीं कर पाएगा l एक महीना पूरा हो गया और जैसे कि बिजनेस मैंने कहा था उसका बेटा वापस आया और आते ही उसने बताया कि कैसे उसने एक बिजनेस शुरू करने की सोचती थी किंतु वह उसे नहीं कर पाया l

थे बिजनेसमैन ने कहा,’ कोई बात नहीं बेटा मैं तुम्हें थोड़ी पैसे देता हूं उन पैसों से तुम अपना एक और बिज़नेस खड़ा करने की सोचो l यह सुनकर उसका बेटा फिर गुस्से में आ गया उसने सोचा कि वह उसके प्रश्नों का मजाक उड़ा रहे हैं और गुस्से में आकर फिर बोल कर चला गया कि अब मैं आपको दिखाऊंगा इस बार मैं अच्छा बिजनेस खड़ा करूंगा l Hindi Story With Moral

उसके जाने के बाद बिजनेसमैन ने अपनी पत्नी को दोबारा समझाया कि वह चिंता ना करें क्योंकि उसका पुत्र अभी एक महीने में दोबारा आएगा क्योंकि वह अभी भी अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाएगा तो उसे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है और वह चैन से सो जाए l

और जैसा कि बिजनेस मैंने सोचा था वैसा ही हुआ l उसका बेटा फिर दोबारा फेल हो गया l उसका बेटा जैसे ही आया वह अपने पिता के पैरों में बैठ गयाl वह बोला,” मैंने इतने प्रयास कर लिए इन दो महीना में और हर बार मुझे केवल फैलियर ही मिला है l मैं निराश हो गया हूं हां किंतु थकl नहीं हूं l Hindi Story With Moral

आप चिंता न कीजिए पिताजी जैसा कि आपने सोचा था और जैसा आपका सपना था कि मैं अपना बिजनेस खुद खड़ा करूं मैं वैसा ही करूंगा और उसके लिए आपको मुझे पैसे देने के लिए भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैंने कुछ पैसे जमा किए हैं मैं उन्हें पैसों से अपना बिजनेस खड़ा करूंगा l और यह कहकर जैसे ही उसका बेटा उठने लगा तो उसके पिता ने उसका हाथ पकड़ लिया l Hindi Story With Moral

उसकी पत्नी ने उससे पूछा वह जब भी कोई डिसीजन लेता था और उठकर चला जाता था आपने कभी उसे पकड़ नहीं किंतु आज आपने उसका हाथ क्यों पकड़ लिया l उसे बिजनेसमैन ने बोला,’ क्योंकि मुझे यह पता है कि एक महीने बाद जब मेरा बेटा आएगा तो वह जी बिजनेस को शुरू करने का सपना लेकर जा रहा है उसे बिजनेस को एक नया आयाम देकर आएगा l’ Hindi Story With Moral

उसके बेटे ने पूछा,’ पिताजी में खुश हूं किंतु आपको मुझ पर इतना विश्वास है?’ उसे बिजनेसमैन ने कहा -‘ बेटा हाथ से पहले जब भी तुम यहां से गए और एक बिजनेस को शुरू करने की बात कह कर गए तुम हमेशा अहंकार से भरे हुए थे l एक व्यक्ति जब अहंकार से भरा होता है वह कभी जिंदगी में सफल नहीं हो सकता l और इसीलिए तुम कभी सफल नहीं हो पाए l Hindi Story With Moral

लेकिन इस बार जब तुम जा रहे हो तो तुम अहंकार से नहीं आत्मविश्वास से भर कर जा रहे हो l और मुझे यह पूर्ण विश्वास है चाहे एक महीना लग जाए या 1 साल लग जाए , तुम अपने बिजनेस को जब तक एक वास्तविक रूप नहीं दे देते तुम अब वापस लौटकर नहीं आओगे l क्योंकि इस समय तुम अपने आत्मविश्वास से भरे हुए हो l और मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि जब मैं अपने बेटे से दोबारा मिलेगा वह एक ऐसा व्यक्ति होगा जिसने इतिहास में अपना नाम लिखा होगा l Hindi Story With Moral

तुम आज आत्मविश्वास से भरे हुए हो और यह आत्मविश्वास एक इतिहास को जन्म देता है l मां अब तुम्हारे अंदर अहंकार नहीं आत्मविश्वास है l उसे पिता ने पुत्र को आशीर्वाद दिया और वह पुत्र अपने माता और पिता से आज्ञा लेकर अपने जीवन को एक नया आकार देने के लिए अपनी एक नई राह पर निकल पड़ा l Hindi Story With Moral

कहानी की सीख

जब हम अहंकार से भरे होते हैं तो हमें कभी किसी कार्य में सफलता नहीं मिलतीl लेकिन जब हम आत्मविश्वास से भरे होते हैं तो जिस कार्य को हम करते हैं यह आत्मविश्वास हमारे द्वारा एक इतिहास को जन्म देता है lHindi Story With Moral

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